दोस्तों हम्पी एक अनोखी भूमि है, जिसकी स्थापना 1336 ई. में हुई थी. यह अपने आप में खंडहरों का एक पूरा शहर है।
आज हम आपको हम्पी के बारे में 10 आश्चर्यजनक बातें बताएँगे , जिन्हें आपको जानना चाहिए, ताकि आपके जिज्ञासु मस्तिष्क को संतुष्टि मिले और ताकि अगली बार जब आप वहाँ जाने की योजना बनाएँ तो आपको पता हो कि आप किस विरासत को देखने जा रहे हैं।
विजयनगर साम्राज्य का यह प्राचीन शहर हम्पी कर्नाटक के में स्थित है। यहां कई मंदिर और प्राचीन स्मारक अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं।
सो दोस्तों आएये जानते हैं इन रहस्यों के बारे में !
विट्ठल मंदिर, हम्पी के मशहूर म्युज़िकल पिलर्स का रहस्य?
इस मंदिर के 56 पिलर्स से संगीतमय आवाजें निकलती हैं।
विट्ठल स्वामी का यह मंदिर हम्पी परिसर के सभी मंदिरों में से सबसे अधिक लोकप्रिय है। यहां के मशहूर म्युज़िकल पिलर्स से अद्भुत ध्वनि निकलती हैं।
अंग्रेज इस ध्वनि का रहस्य जानना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने दो खंभे कटवा दिए, लेकिन उन्हें वहां खोखले खंभों के अलावा कुछ नहीं मिला।
इन संगीतमय स्तम्भों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अध्ययन कर पता लगाने की कोशिश की गई कि इन स्तम्भों से अलग अलग ध्वनि कैसे प्रतिध्वनित होती है और यह आज भी एक रहस्य है !
जब छाया उल्टी हो जाती है !
यह एक तथ्य है कि विरुपाक्ष मंदिर हम्पी का सबसे पुराना मंदिर है। मंदिर के ठीक पीछे, अगर आप नीचे जाते हैं, तो आपके दाईं ओर एक अंधेरा कक्ष है।
पूर्वी दीवार पर एक छेद है। ऐसा कहा जाता है कि जब इस छेद से पश्चिमी दीवार पर प्रकाश पड़ता है तो विरुपाक्ष मंदिर की परछाई उस दीवार पर उल्टी दिखाई देती है।
कैसे??? यह एक रहस्य है। आश्चर्यजनक है न?
कमल महल/लोटस महल जो हमेशा ठंडा रहता है
हम्पी में बहुत ज़्यादा गर्मी हो सकती है।
ऐसे में आपको यकीं नहीं होइगा पर चीजों को ठंडा रखने के लिए, लोटस महल में एक कूलिंग सिस्टम था, जिसे खास तरीके से डिज़ाइन किया गया था ताकि उसमें से लगातार पानी बहता रहे।
कितना बढ़िया है, है न!
पम्पा सरोवर – सबसे पवित्र झीलों में से एक
क्या आपको पता है की यह झील भारत के 5 सबसे पवित्र हिंदू झीलों में से एक है – अर्थात बिंदु सरोवर, नारायण सरोवर, पंपा सरोवर और पुष्कर सरोवर और प्रसिद्ध मानसरोवर।
म्युज़िकल हाथी
बहुत प्रसिद्ध महानवमी डिब्बा के पास दो हाथियों की सामान्य आकार की मूर्तियाँ स्थित हैं।
हालाँकि पहली नज़र में इसमें कुछ भी असाधारण नहीं लगता, लेकिन जब पत्थर के टुकड़े से इन्हें छुआ जाता है तो वे धातु जैसी आवाज़ पैदा करते हैं, भले ही वे पूरी तरह से पत्थरों से बने हों।
है न आश्चर्य की बात !